अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies

अगर बात की जाए Bollywood crime movies की तो ये लिस्ट बहुत लम्बी है। अक्सर कहा ये जाता है की फिल्में हमारी असल ज़िन्दगी का आईना होती हैं। हँसना-हँसाना, चाहत-नफरत, प्यार-मोहब्बत सब कुछ तो देखते हैं इन फिल्मो में हम और देखते ही नहीं बल्कि सीखते भी हैं।

जब तक आप इन फिल्मों से कुछ अच्छा सीख रहे हैं तब तो ठीक है लेकिन परिस्थिती तब बिगड़ जाती है जब इन्ही फिल्मों की वजह से कुछ लोग अपनी ज़िन्दगी को बहुत हल्के में लेने लग जाते हैं और उनकी ज़िन्दगी एक अनचाहा सा मोड़ ले लेती है। मेरी इस बात से तो आप भी agree करेंगे की कभी कभी तो इन फिल्मों का सीधा सीधा असर हमारी ज़िन्दगी पर पड़ता है। मेरे पिछले पोस्ट में जिसमे मैंने टॉप 5 background music के बारे में लिखा है, उस पोस्ट में मैंने सबसे ऊपर भाग मिल्खा भाग को रखा है।

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इस फिल्म का न सिर्फ मुझ पर बल्कि मेरे कईं दोस्तों पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। खैर मेरी छोड़िये , वो कहते है न की एक सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं। समाज में अलग अलग विचार धाराओं के लोग रहते हैं और बहुत हद्द तक ये संभव है की इन्ही फिल्मों से समाज पर कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।

आप चाहे जितना भी मना करलो लेकिन ये सच्चाई है की इंसान बुरी बाते जल्दी सीखता है। आज भी वो दिन याद आते ही हम सब दोस्त एक दूसरे पर हँसते हैं जब फिल्म तेरे नाम के राधे भैया से inspire होकर हमने अपने बाल बढ़ा लिए थे। कुछ लोग तो उस लुक में निहायती बेवकूफ लगा करते थे। मैंने तो कईं बार बचपन में मम्मी के हाथों से स्वादिष्ट मार खाई तब जाकर ये अकल आयी की फिल्मों और असल ज़िन्दगी का फर्क बहुत बड़ा है

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies

एक फिल्म का हीरो यदि आपको पढाई करके आईएएस बनने के लिए प्रेरित कर सकता है तो बहुत हद्द तक संभव है की वही कलाकार आपको धूम्रपान करने के लिए भी प्रेरणा दे दे। अंत में फैसला आपको लेना होता है की आप के लिए क्या सही है और क्या गलत। लेकिन दुर्भाग्यवश हमे सब कुछ पता होते हुए भी हम अपनी आँखों पर काली पट्टी बाँध लेते हैं। 

पिछले कुछ दिनों से जब भी टेलीविज़न खोल के देखो तो बस भारत-चीन के बीच तनाव और कोरोना महामारी जैसी खबरों ने दिमाग की दही कर रखी थी और रही सही कसर कानपुर के कुख्यात हिस्ट्री शीटर Vikas dubey के पकडे जाने से लेकर उसके एनकाउंटर तक की खबर ने पूरी कर दी। एक तो मुझे भारतीय मीडिया की ये बात समझ नहीं आती की किसी कुख्यात अपराधी के जीवन का इतनी बारीकी से अध्ययन करके अपने दर्शकों को दिखाया जाना उन्हें क्यों ज़रूरी लगता है। 

क्यों ऐसे लोगों पर एक एक घंटे के प्राइम टाइम शोज बना कर उनकी जीवनी दर्शकों को परोस दी जाती है। एक ऐसा इंसान जिसने समाज के आगे बढ़ने में कोई अहम भूमिका नहीं निभाई भला उस से हम और  हमारी आगे आने पीढ़ी क्या सीख ले सकती है। 

डरिये मत, मै आज आपको विकास दुबे के बारे में आपको कोई ज्ञान नहीं देने वाला, उसके बारे में दुनिया भर का कंटेंट यूट्यूब और इंटरनेट पर भरा पड़ा है।  सुना था की Vikas dubey के एक आम इंसान से एक हिस्ट्री शीटर बनने में 1999 में आयी फिल्म अर्जुन पंडित का बहुत बड़ा योगदान था।

इस फिल्म से वो इतना inspire हुआ था की उसने अपना नाम तक बदलकर विकास पंडित रख लिया था। आज हम बात करेंगे ऐसी ही कुछ Bollywood crime movies के बारे में जिन्हे बनाया तो गया था मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए लेकिन मनोरंजन के साथ साथ उन्होंने कईं लोगों को अपराध के रास्ते को अपनाने की प्रेरणा भी दी। 

Bollywood crime movies की इस लिस्ट का पाँचवा दावेदार 

अगर आप सोच रहे हैं की सिर्फ बड़े बड़े स्टार्स वाली फ़िल्में ही लोगो को जुर्म की राह पर चलने के लिए उकसा सकती है तो ठहरिया आपका ये वहम भी मै दूर कर देता हूँ। बात आज से लगभग दस पंद्रह साल पहले की है जब शायद आपके नौवीं दसवीं में पढ़ने वाले भाई बहन पैदा भी नहीं हुए थे।

2008 में आयी वैश्विक आर्थिक मंदी से पहले रियल एस्टेट का काम अपने चरम पर था। ये वो समय था जिन्होंने कईं लोगों को लखपति से करोड़पति बना दिया था। दिल्ली मुंबई  जैसे बड़े बड़े शहरों में लोग अपने खुद के घरो में रहने का सपना देखते हैं। दिल्ली से सटे नोएडा और गुरुग्राम तो उस समय एक बहुत बड़ा मार्केट बन कर उभरे। 

कंक्रीट के इन जंगलो में हालत ये थी की जहाँ नज़र दौड़ाओ आपको हर तरफ ऊँची ऊँची बिल्डिंग्स और शानदार अपार्टमेंट्स दिखाई देते थे। कईं ऐसे लोगो को तो मै खुद जानता हूँ जिन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी दाँव पर लगाकर इस धंधे में कदम रख दिया था।

लेकिन जहाँ पैसा है वहाँ बेईमानी भी अपने पैर पसार ही लेती है। प्रॉपर्टी के खरीद फरोख्त की आड़ में लोग बेईमानी करने लगे,  पहले गुंडों का सहारा लेकर प्लाट पर अवैध कब्ज़ा करना और फिर उसी प्लाट के लिए उसके असली मालिक से मुँह मांगे दाम माँगना।

खैर ऐसा ही कुछ हमें देखने को मिला था साल 2006 में आयी दिबाकर बनर्जी की कल्ट क्लासिक फिल्म "खोसला का घोसला", फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित थी। फिल्म में दिखाया गया की कैसे एक बड़ा प्रॉपर्टी एक आम इंसान की पूरे जीवन भर में कमाई गयी पूँजी से लिए गए प्लाट पर अवैध कब्ज़ा कर लेता है।

प्रॉपर्टी डीलर की पहुँच बहुत ऊपर तक होने की वजह से खोसला परिवार के लिए उम्मीद के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तब कैसे वो एक बेहतरीन चाल चलकर अपने प्लाट को डीलर के चंगुल से छुड़वाते है। इस फिल्म का स्क्रीनप्ले इतना बढ़िया है की आपको पूरी फिल्म के दौरान बांधे रखता है।

और यदि आप दिल्ली से नहीं भी हैं तब भी फिल्म में इस्तेमाल की गयी दिल्ली की लोकेशंस देख कर अपने आपको  फिल्म से कनेक्टेड महसूस करते हैं। फिल्म की तारीफ़ बहुत हो गयी अब बात करते हैं की क्यों ये फिल्म इस लिस्ट का हिस्सा बनी।

दरअसल हुआ ये की दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश कर दिया जो लोगों को पश्चिम विहार में DDA के प्लॉट्स दिलाने का झांसा देकर उनसे अच्छी खासी मोटी रकम वसूला करते थे। इसमें DDA के दो कर्मचारी भी शामिल थे। पूछताछ से पता चला की ये तरकीब उन्हें खोसला का घोसला फिल्म देखकर ही दिमाग में आयी थी।

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies
सौजन्य :- खोसला का घोसला | निर्देशक:- दिबाकर बनर्जी 

Bollywood crime movies की इस लिस्ट का चौथा दावेदार 


भारत जैसे महान और विविधताओं भरे देश की सबसे बड़ी ख़ास बात ये है की इसकी आधे से ज़्यादा जनता युवा है इसीलिए जब भी बात होती है भविष्य में दुनिया का स्वरुप तय करने की तो भारत का नाम मुख्यतः हर किसी की ज़ुबाँ पर होता है और भई हो क्यों न आखिर हम दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक जो हैं। और  किसी भी देश के लिए उसमे रहने वाले युवा लोग ही उसकी असली पूँजी होते हैं। 

देश में युवाओं का होना बहुत अच्छी बात है लेकिन उसी के साथ साथ देश में लगातार बढ़ती जनसँख्या उन्ही युवाओं की महत्वकांशाओ का गला घोंट देती है। अगर बात की जाए नौकरी की तो आज भी देश में हर किसी को सरकारी नौकरी चाहिए।

आज की तारीख में यदि कोई ग्रेजुएट इंसान Peon की  सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म भरता है तो ये उसकी नहीं बल्कि हमारे लचर और ढीले ढाले सरकारी तंत्र की हार है। बढ़ती जनसँख्या अपने साथ साथ बेरोज़गारी भी लाती है और बेरोज़गारी और जुर्म का तो चोली दामन का साथ है। 

अक्षय कुमार की स्पेशल 26 तो याद ही है ना आपको। फिल्म में अक्षय कुमार के किरदार का सपना होता है एक सीबीआई अफ्सर बनने का जिसके लिए वो खूब मेहनत करता है लेकिन कईं नाकाम कोशिशों के बाद भी जब वो सीबीआई अफ्सर नहीं बन पाता तब वो फैसला करता है जुर्म की राह पकड़ने का। 

फिल्म में अक्षय कुमार income tax officer बन कर अपनी एक पूरी टीम के साथ अलग अलग जगहों पर छापा-मारी करते हैं और काले धन की सारी रकम उड़ा कर रफू चक्कर हो जाते हैं। फिल्म की कहानी आप सब लोग जानते ही होंगे तो वो मै आपको नही बताऊंगा।

खैर, दिल्ली के राजौरी गार्डन में एक ऐसी ही वारदात सामने आयी जब कुछ लोग एक घर में income tax officer बन कर घुस गए और घर से दिनदहाड़े 48 लाख रुपये लूट कर ले गए। जाते जाते अपने साथ वो घर की CCTV फुटेज भी ये कह कर ले गए की उन्हें पिछले कुछ दिनों में घर में आने जाने वाले लोगो की जानकारी चाहिए। दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी से अपराधी  जल्दी ही पकडे गए और उन्होंने अपना जुर्म भी  कबूल कर लिया।

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies
सौजन्य :- स्पेशल 26 | निर्देशक:- नीरज पांडेय 

Bollywood crime movies की इस लिस्ट का तीसरा दावेदार 

बॉलीवुड में चोर पुलिस के ऊपर दुनिया भर की फिल्में बन चुकी हैं और देखा जाए तो कहानी भी लगभग सभी की एक सी होती है। पूरी फिल्म में चोर चोरी करता रहता है और पुलिस पीछा करती रहती है और अंत में चोर पकड़ा जाता है, लेकिन 2004 में दर्शकों को चोरों का एक नया ही अंदाज़ देखने को मिला।

यशराज बैनर के तले बनी इस फिल्म में चोर स्मार्ट थे और गुड लुकिंग भी और उस से भी भड़कर बात ये थी की ये चोर अपनी चोरी को अंजाम देने के लिए लाखों की Superbikes का इस्तेमाल करते थे। ये सब पढ़कर आप समझ ही गए होंगे की यहाँ फिल्म धूम की बात चल रही है।  फिल्म रिलीज़ हुई और जैसा लग रहा था ये फिल्म हिट भी हो गयी। यही नहीं फिल्म के साथ साथ हिट हुआ जॉन अब्राहम का लुक और Superbikes का क्रेज। 

जैसा अक्सर होता ही है, फिल्म ने आधुनिक समाज में पनप रहे अपराधियों को भी प्रेरित किया। जो चोर कभी चैन छीनकर या पर्स काट कर भागा करते थे वही चोर अब चैन स्नैचिंग, या मोबाइल छीनकर भागने में बाइक्स का इस्तेमाल करने लगे।

खैर फिल्म के निर्माताओं ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा की उनकी इस फिल्म में दिखाई गयी चोरी केरला पुलिस की आफत का कारण बन जाएगी। मै बात कर रहा हूँ चेलंबरा बैंक रॉबरी की जो 2007 में हुई थी। हुआ यूं था की जिस बिल्डिंग की दूसरी मंज़िल पर ये बैंक हुआ करता था उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर को चार चोरों ने रेंट पर ये कह कर ले लिया की वो यहाँ  restaurant खोलने वाले हैं।

आगे से दुकान का दरवाज़ा बंद कर के इन चोरो ने  बैंक की तिजोरी वाले कमरे के फर्श में नीचे से छेद किया और बैंक की तिजोरी में सेंध मार दी। इस पूरी वारदात के दौरान इन्होने दुकान के दरवाज़े पर बोर्ड लगा दिया जिस पर लिखा गया था की अंदर रेनोवेशन का काम चल रहा है।

इस से किसी को उनके मंसूबो की भनक तक नहीं लग पायी। इस चोरी में बैंक से 80 किलो सोना और 50 लाख कैश चुराया गया जो की केरला के इतिहास में चोरी की गयी सबसे बड़ी राशि थी। केरला पुलिस ने मामले में तेज़ी और सूझबूझ दिखाई और जल्द ही सभी आरोपी पकडे गए।

पुलिस ने उनसे लूटी हुई सारी नकदी और सोना वापस बरामद कर लिया। पूछताछ के दौरान चोरों ने बताया की ये चोरी की वारदात उन्होंने धूम फिल्म से प्रेरित होकर करी थी।

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies
सौजन्य :- धूम | निर्देशक :-विजय कृष्ण आचार्य 


Bollywood crime movies की इस लिस्ट का दूसरा दावेदार

Bollywood crime movies की बात हो और संजय दत्त की ज़िक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। संजय दत्त ऐसे कुछ गिने चुने एक्टर्स में से एक हैं जिनकी एक बहुत ही लम्बी चौड़ी फैन following है। अपने अंदाज़ और लुक्स के चलते वो अच्छे खासे popular हैं। 

यदि फैंस उन्हें प्यार करते है, उन्हें follow करते है तो ज़ाहिर सी बात है की वे उन्हें कॉपी भी करेंगे। संजय दत्त अपने करियर के उस पड़ाव पर हैं जहाँ उनकी किसी भी फिल्म के फ्लॉप हो जाने से न तो उनकी इमेज पर कोई फर्क पड़ता है और न ही उनके स्टारडम पर। 

अपने लगभग चालीस साल लम्बे करियर में संजय दत्त ने हर पड़ाव देखा, उन्होंने सक्सेस देखी तो करियर को ख़त्म कर देने वाला सलाखों का दौर भी देखा। संजय को सबसे ज़्यादा कामयाब बनाया उनकी गैंगस्टर वाली छवि ने। गली के छोटे मोटे गुंडे से लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन जैसे हर किरदार के साथ संजय ने न्याय किया बल्कि ऐसे कईं रोल्स के लिए तो उन्हें फिल्मफेयर तक मिला तो स्वाभाविक है की लोग उनसे inspire होंगे ही।

1993 में आयी फिल्म खलनायक ऐसी ही एक insipiration का ज़रिया बनी।  फिल्म में संजय दत्त ने जो किरदार निभाया था उसका नाम था बल्लू और इसी किरदार से प्रेरणा लेकर उत्तर प्रदेश के एक ज़िले में पुलिस की गिरफ्त से छूट कर भाग रहा एक अपराधी पकड़ा गया जिसने अपना नाम बिल्लू बताया।  

Reporters द्वारा पूछे जाने पर बिल्लू ने बड़े बेबाक अंदाज़ में बताया की वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का डॉन बनना चाहता था और पैसो के लिए पाँच लोगों की हत्या करनी थी।  जिसमे से वो दो लोगों की हत्या कर भी चुका था। जुर्म करना वो अपनी हॉबी समझता था। 

पुलिस से बचकर भागने के दौरान बिल्लू ने एक पुलिसकर्मी पर गोली भी चला दी थी जिसमे पुलिसकर्मी बाल बाल बच गया था। इस दौरान बिल्लू पूरे आत्मविश्वास से कहता है की मैं पुलिस की गिरफ्त में छह महीने से ज़्यादा नहीं रुकूंगा।

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies
सौजन्य :- खलनायक | निर्देशक :-सुभाष घई 

Bollywood crime movies की इस लिस्ट का पहला दावेदार

किंग खान यानि शाहरुख़ खान, ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। पिछले तीन दशकों से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले शाहरुख़ खान ने हमें कई यादगार फिल्में दी हैं। दिलवाले दुल्हनिया, कल हो न हो, कुछ कुछ होता है जैसी फिल्में आज भी हमारा भरपूर मनोरंजन करती हैं।

लेकिन शाहरुख ने शायद ही कभी सोचा होगा की उनकी कोई फिल्म किसी को अपहरण जैसा जघन्य अपराध करने के लिए भी प्रेरित कर सकती है। 2016 में हुए Snapdeal की एक employee दीप्ति का फिल्मी अंदाज़ में अपहरण कर लिया जाता है।

मुख्य आरोपी ने दीप्ति को पहली बार दिल्ली मेट्रो में देखा और देखते ही दीप्ति को पसंद करने लगा। उसने दीप्ति का कईं महीनो तक पीछा किया। पीछा करने के बाद पूरी प्लानिंग के साथ अपने दोस्तों की मदद से दीप्ति का अपहरण किया और दो दिन बाद उसे घर भेज दिया ।

 शुक्र इस बात का रहा की इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने दीप्ति को कोई हानि नहीं पहुँचाई और उसे सही सलामत घर भेज दिया। कुछ ही दिनों में मुख्य आरोपी ने पकडे जाने पर अपना जुर्म कबूलते हुए बताया की इस अपहरण के लिए उसे शाहरुख़ खान की फिल्म "डर" से प्रेरणा मिली थी।

 अपराध को बढ़ावा देने वाली Bollywood crime movies
सौजन्य :- डर | निर्देशक :-यश चोपड़ा 

Bollywood crime movies की इस लिस्ट को लेकर क्या है मेरे विचार? 

मूवी चाहे Bollywood हो या हॉलीवुड, Crime movies  कहीं न कहीं हमारे अंदर छिपी dark side को छेड़ती ज़रूर है और इन फिल्मों को लेकर मेरा मानना है की फिल्म को फिल्म ही रहने दिया जाए तो ही अच्छा है, फिल्में बनाई जाती हैं मनोरंजन के लिए, हमें ये बात बहुत अच्छे से समझनी चाहिए की यदि आपका चहेता फिल्म कलाकार सिगेरट पी रहा है तो वो उसके character की डिमांड है।

यही नहीं अगर उसे सिगरेट की लत है भी तब भी उसके पास इतने पैसे हैं की अगर खुदा न खास्ता उसे कोई जानलेवा बीमारी लग जाती है तो वो अपना इलाज विदेश जाकर करा लेगा लेकिन सोचिये की आप उस हीरो के स्टाइल को कॉपी करने के चक्कर में वही लाखों रुपये की जानलेवा बिमारी मात्र दस या ग्यारह रुपये में अपने घर ले आओगे। आप फिल्में देखिये ज़रूर देखिये लेकिन उन से कुछ अच्छा सीखने की हमेशा कोशिश करिये, अपने Skills develop कीजिये।

अपने मनपसंद हीरो की अच्छाई अपनाइये और बुराई सिनेमा घर में छोड़ आइये। Bollywood crime movies की इस लिस्ट को बनाने पीछे मेरा मकसद बस इतना ही था की आप को समझा सकूँ की फिल्मों में रिटेक होता है लेकिन असल ज़िन्दगी में रिटेक होना लगभग नामुमकिन है। ज़िन्दगी एक बार ही मिलती है तो क्यों न कोई काम ऐसा ही कर लिया जाए जिस से समाज में हमारे माँ बाप सबके सामने सर उठा कर चल सके।

उम्मीद करता हूँ की ये पोस्ट आपको पसंद आया होगा। पोस्ट से रिलेटेड कोई भी बात अगर आपको न पसंद आयी हो तो बेझिझक होकर कमेंट करके मुझे बताइयेगा ज़रूर। मिलते हैं अगले पोस्ट में तब तक के लिए नमस्कार










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